जीवन का रासायनिक आधार
जीवन के सभी आधारभूत रसायन (प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, हार्मोन इत्यादि) कुछ गिने-चुने मूल तत्वों से बने होते हैं जैसे कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर एवं फॉस्फोरस। इनमें सबसे प्रमुख कार्बन है। शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीन हैं।
स्टार्च व शुगर में सभी प्रकार के कार्बोहाइड्रेट होते हैं जो सजीवों में ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत हैं। प्रोटीन से संयोजी ऊतकों, मांसपेशियों और त्वचा का निर्माण होता है। रक्त में पाया जाने वाला ऑक्सीजन वाहक अणु हीमोग्लोबिन है जो एक प्रकार का प्रोटीन है। हीमोग्लोबिन में प्रतिपिंड होते हैं जो रोगों के प्रति रक्षा कवच का कार्य करते हैं। सभी प्रोटीनों में सबसे महत्वपूर्ण प्रोटीन एन्जाइम होता है। यह शरीर में होने वाले सभी रासायनिक परिवर्तनों का कारक एवं निर्देशक होता है। एन्जाइम से भोजन के पचने में मदद मिलती है।
सोडियम, पौटैशियम, मैग्नीशियम एवं कैल्शियम की जैववैज्ञानिक भूमिका
सोडियम, कैल्शियम, लोहा और फॉस्फोरस के अतिरिक्त लगभग 27 ऐसे तत्व हैं जो जैवरासायनिक अभिक्रिया में अतिआवश्यक हैं। पोटैशियम एक महत्वपूर्ण एन्जाइम सक्रियक है और तंत्रिका तथा ह्दय प्रकार्य में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। पोटैशियम कोशिकाओं में ग्लूकोज के उपापचय एवं प्रोटीन संश्लेषण में आवश्यक होता है। मैग्नीशियम सभी जीवों के लिए अत्आवश्यक होता है। यदि भोजन में फास्फोरस की मात्रा अधिक हो तो मैग्नीशियम, मैग्नीशियम फास्फेट बनकर अवक्षेपित हो जाता है। कैल्शियम भी सभी जीवों के लिए महत्वपूर्ण तत्व है। इससे मजबूत कंकाल तंत्र का निर्माण होता है। यह मांसपेशियों के संकुचन और हार्मोन स्रावित होने की क्रिया को पे्ररित करता है। शरीर में कैल्शियम की अधिक मात्रा होने से किडनी व गाल ब्लैडर में पथरी हो जाती है।
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